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Home » Blogs » Farewell Hindi Poems | Farewell Party Poems In Hindi | विदाई समारोह पर कविता
Blog

Farewell Hindi Poems | Farewell Party Poems In Hindi | विदाई समारोह पर कविता

TrumpBy TrumpJuly 19, 2024No Comments17 Mins Read
Farewell Hindi Poems | Farewell Party Poems In Hindi | विदाई समारोह पर कविता

Hindi poems on farewells perfectly convey the melancholy nature of farewells. The emotional tale of farewells is woven in Farewell Hindi Poems as emotions are expressed via verses. Discover the poignancy of parting in विदाई हिंदी कविता, as every sentence evokes feelings of parting and inspires a sincere contemplation of the trip done.

Hindi Farewell Party Poems create the ideal atmosphere for a wonderful farewell. With this Hindi Farewell Party Poem, you can commemorate farewells with lyrics that become echoes of fond memories and shared laughter. Give a literary farewell to विदाई समारोह पर कविता, weaving sentiments and feelings into a lovely tapestry of farewells.

Table of Contents

Toggle
  • Farewell Hindi Poems – नए रास्ते खोजने को
    • Farewell Party Poems in Hindi – आओ सुनाऊं तुम्हें बीते हुए पलों की
      • विदाई समारोह पर कविता – आज वक्त को रोकने का जी चाहता है
      • College Farewell Poems in Hindi – आपके साथ बिताया हर एक लम्हा है यादगार
      • Hindi School Farewell Poems— अब जा रहे हैं तो
      • Farewell Hindi Poems – हमारे विद्यालय के आँगन में
      • Farewell Hindi Poem – शिक्षक हैं समाज, सभ्यता, संस्कृति के रक्षक
      • Farewell Party Poem in Hindi – आये संग बहार लिये
      • विदाई समारोह पर कविता – वो चलती क्लास में टिफिन खाना
      • Farewell Poem for Seniors
      • Farewell Poetry In Hindi – बीते लम्हे
      • Farewell Party ke liye Kavita
      • Farewell Poem in Hindi

Farewell Hindi Poems – नए रास्ते खोजने को

नए रास्ते खोजने को,
कुछ नया कर दिखाने को,
मंजिलों को अपना बनाने को,
थोड़े से नादान थोड़े से समझदार,
परिंदे आज उड़ चले।

मिल बांट कर जो खुशियां मनाते थे,
चुपके से हमारा की टिफिन खा जाते थे,
वो हमको बहुत सताते थे,
वो हर चीज पर अपना हक जमाते थे।

पर बात जब दूसरे स्कूल के बच्चों,
के साथ कॉन्पिटिशन की होती थी,
तब वो हमारे साथ हमेशा खड़े नजर आते थे,
वो हमसे प्यार तो करते पर जताते कम ही थे।

वो आपका डांटना, प्यार से समझाना,
टीचर्स डे वाले दिन टीचर बनकर पढ़ाना,
वो स्कूल टीचर्स के नए-नए नाम हमें बताना,
बहुत याद आएगा।

आप सबका प्यार भरा साथ,
वो साथ बिताए हुए पल,
खट्टी मीठी सी यादें,
बहुत याद आएंगी।

आज आंखों में आंसू तो है,
पर खुशी भी उतनी ही है,
क्योंकि आज हम भी
जूनियर से सीनियर हो जाएंगे।

स्कूल से तो विदा हो रहे हो आज,
पर हमारे दिलों से नहीं आते जाते मिलते जाना,
गुरुजी की डांट खाते जाना,
फिर से ये स्कूल के दिन जीते जाना।

नरेन्द्र वर्मा

Farewell Hindi Poems | Farewell Party Poems In Hindi | विदाई समारोह पर कविता

Farewell Party Poems in Hindi – आओ सुनाऊं तुम्हें बीते हुए पलों की

आओ सुनाऊं तुम्हें बीते हुए पलों की,
कुछ खट्टी, कुछ मीठी दास्तां,
कुछ मेरी, कुछ आपकी बात करते है,
चलो कुछ बीते हुए लम्हे याद करते है।

स्कूल में बिताए पलों को याद करते है,
जब हम आए थे यहां तो ये एक गुमनाम पहेली थी,
ना जाने क्यों मन नहीं लगता था ,
हर दिन यहां से भाग जाने को दिल करता था।

धीरे-धीरे नए-नए दोस्त बने,
अच्छे टीचर मिले,
थे कुछ खडूस
लेकिन दिल के अच्छे मिले।

क्लास में खूब शरारत करते थे,
कागज की एरोप्लेन उड़ाया करते थे,
एक दूसरे को चांक से मारा करते थे,
डस्टर को पंखे में फेका करते थे।

ना जाने क्यों क्लास के पंखे से था बैर,
उसकी ताड़ीयो को हमेशा पकड़कर मोड़ा करते थे,
टीचर की क्लास छोड़ते ही शोर मचाया करते थे,

फिर टीचर के क्लास में आते ही मासूम बन जाते थे,
होमवर्क ना करने के तरह-तरह के बहाने बनाते थे।

टीचर के बोर्ड की तरफ मुड़ते ही,
टिफन खोलकर चुपके से खाना खाया करते थे,
टीचर के सवाल पूछने पर,
दिल खोल के नीचे देखा करते थे।

स्कूल में जानबूझकर देर से आना फिर तरह-तरह के बहाने बनाते थे,
प्रार्थना में एक आंख खोलकर आसपास देखा करते थे,
क्लास में जाने के लिए दौड़ ऐसे लगाते थे,
लगता था हम ही सबसे ज्यादा पढ़ने वाले थे।

दोस्तों के साथ क्लास बंक मारा करते थे,
फिर दूर मैदान में जाकर क्रिकेट खेला करते थे,
एक दूसरे से पैसे इकट्ठे करके,
समोसे, कचोरी, गोलगप्पे खाया करते थे।

रविवार से पहले शनिवार को,
सबके मन में लड्डू फूटा करते थे,
फिर रविवार की शाम को,
सोमवार के बारे में सोच के सबके दिल टूटा करते थे।

स्कूल में खूब मजा करते थ ,
फिर भी ना जाने क्यों या आने से डरते थे,
अब ना जाने क्यों यहां से जाने का दिल नहीं करता।

पहले हमें खींचकर स्कूल में लाया करते थे,
अब ना जाने क्यों यहां ठहर है जाने का मन करता है,
बस एक बात अब निराली है।

जब आए थे यहाँ तब आंखों में आंसू और मुंह सूजा हुआ था,
अब जा रहे है तो भी आंखों में आंसू है लेकिन चेहरे पर मुस्कान है,
चलो अब चलते है दोस्तों नए सफर की शुरुआत करते है,
मिलते रहना, आस-पास रहना पर दिल से कभी दूर ना जाना।

नरेन्द्र वर्मा

Farewell Hindi Poems | Farewell Party Poems In Hindi | विदाई समारोह पर कविता

विदाई समारोह पर कविता – आज वक्त को रोकने का जी चाहता है

आज वक्त को रोकने का जी चाहता है,
न जाने क्यू छुट जाने से डर लगता है,
बच्चे बनकर ही तो आए थे हम सब,
एक दूसरे से कितने पराए थे हम सब।

कॉलेज के दिनों में ही हम सब एक हो गए,
हंसने खेलने के बहाने अनेक हो गए,
इस सफर की शुरुआत 3 साल पहले हुई थी,
सेमिनार इंट्रो से जो स्टार्ट हुई थी।

सूरज की पहली किरण से थी शुरुआत हमारी,
पूरे दिन की मस्ती और फिर रात थी हमारी,
सोचते थे जल्दी यहां से चले जाएंगे,
अब तो यह भी नहीं पता आगे का समा पाएंगे या नहीं पाएंगे।

याद आएगा हम सबको दोस्तों से बिछड़ना,
वो रात को देर से सोना,
वो बंसल सर का पहला लेक्चर,
लेट होने पर दौड़ लगाना।

अटेंडेंस ना मिलने पर सर को मस्का लगाना,
वो स्मिता मैम की एक्स्ट्रा क्लासेस,
वो नितिन सर का एक-एक क्लास का हिसाब बताना,
बंक कर के मां बाप के पैसों में आग ना लगाना।

वाणी मैम का प्यार गीता मैम की डांट,
अब हम कहां देख पाएंगे,
जैसे तैसे करके निकाला था हमने अपना पहला साल,
बहुत खुश हुए अब बचे है बस दो साल।

पहले सेमेस्टर के रिजल्ट ने हमें हमारी औकात दिखाई,
एक दूसरे के कंधे पर हाथ धरकर बोले अपने बस में कुछ नहीं है भाई,
ना चाहते हुए भी इस भीड़ का हिस्सा हो गए,
ना जाने क्यों कॉलेज का एक किस्सा हो गए।

बाहर से आए लड़कों को घर की याद सताती थी,
हर थाली में ना जाने क्यों मां की तस्वीर नजर आती थी,
पर ना जाने क्यों दोस्तों दिल में कुछ और आता है,
वक्त को रोकने का जी चाहता है।

जिन बातों का दु:ख था आज उन्हीं से खुशी मिलती है,
न जाने क्यों उन पलों की याद दोस्तों खूब सताती है,
कहता था बड़ी मुश्किल से यह 3 साल से सह गया,
आज लगता है यारों जाने क्यों पीछे कुछ छूट गया।

कही अनकही हजारों बातें रह गई,
ना भूलने वाली ना सुनने वाली कुछ यादें रह गई,
अब मुझे अलग अलग नाम से कौन पुकारेगा,
मेरी बातों से परेशान अब कौन होगा।

प्रैक्टिकल फाइल मेरा भी बना दे अब कौन कहेगा,
असाइनमेंट पहले करने के लिए कौन आगे बढ़ेगा,
फैकेल्टी के पीछे अब कौन राक्षसों की तरह हंसेगा,
यूनिटी बनाकर प्रोजेक्ट कैंसिल करा लो अब कौन कहेगा

लास्ट बेंच पर बैठने के लिए आप कहां लड़ पाएंगे,
लगता है यह समय कुछ जल्दी बीत गया,
आज ये फिर मुझसे जीत गया,
वो कॉलेज की ड्रेस में रोज कॉलेज आना।

अब क्लास बंक करके यारों के संग कहां घूम पाएंगे,
ये सारे अब पल बहुत याद आएंगे,
कॉलेज लाइफ की तो बात मत पूछो,
कैसे बीत जाता था दिन ये बात ना पूछो।

प्रोजेक्ट बनाने में हमारा कभी मन नहीं था,
पर उसको डाउनलोड करके गर्व से दिखाने का अपना ही मजा था,
स्टाइल मारने का अंदाज निराला था,
लड़कियों पटाने का बस यही एक जमाना था।

पढ़ते-पढ़ते आज नौकरी करने का भी दिन आ गया,
एक नए पड़ाव में जीने का दिन आ गया,
पहुंच जाओगे जब अपनी अपनी मंजिल पर,
तो ये यार दोस्त ही याद आएंगे।

एक कप चाय की चुस्की के साथ,
ये सारे फ़साने याद आएंगे,
क्या पैसा क्या नौकरी ये तो बस यादें रह जाएंगे,
अकेले जब भी होंगे ये लम्हे याद आएंगे।

डिग्री पाकर भी ना जाने पीछे कुछ छूट सा रहा है,
दिल न जाने क्यों टूट सा रहा है,
कभी-कभी हम याद करेंगे तुम सब की यादों को,
जब हम देखेंगे पुरानी कॉलेज की किताबों को।

क्लास और कैंटीन वाली कहानी होगी अब खत्म,
अब अलग होगी मंजिलें और अलग होंगे हम सब,
कैंपस की वो सीढ़ियां जहां हर दिन जमती थी महफिले,
खाली करनी पड़ेगी आ गया वो मोड़ जिसमें अलविदा कहना होगा

कुछ लिखा है कुछ दिल में बाकी है,
कुछ पल का साथ शायद अभी बाकी है,
बस एक बात का डर लगता है हम अजनबी ना बन जाए दोस्तों,
जिंदगी के रंगों में ये दोस्ती का रंग फीका ना पड़ जाए।

नौकरी की दौड़ में यह दोस्ती ना लुप्त हो जाए,
जिंदगी में मिलने की फरियाद करते रहना,
मिल ना सके कभी तो याद करते रहना,
चाहे जितना हंस लो मुझ पर आज बुरा नहीं मानूंगा

इसी हंसी को अपने दिल में जीवन भर के लिए बसा लूंगा,
आखिर आ ही गया वह दिन जिसका हम इंतजार था,
अब बिछड़ जाएंगे यार सारे जिनसे हमे बहुत प्यार था,
मेरे दोस्त जरा ठीक से दोस्त लोग कहीं कुछ छुटा ना हो

कहीं तुम्हारी वजह से किसी का दिल टूटा ना हो,
भूल कर सारी रंजीसे आज गले मिलो,
एक बार फिर से मिलने का वादा कर लो,
क्योंकि जा रहा है जो वक्त वो दोबारा आने से रहा

दिल थाम कर आंखें बंद कर अलविदा कहना पड़ रहा,
मेरे यारों आ गया है वो पल जिसमें अलविदा कहना पड़ रहा

Farewell Hindi Poems | Farewell Party Poems In Hindi | विदाई समारोह पर कविता

College Farewell Poems in Hindi – आपके साथ बिताया हर एक लम्हा है यादगार

आपके साथ बिताया हर एक लम्हा है यादगार
जो भी पल गुज़ारे आपके साथ वो सब बीते शानदार
आपकी हर एक याद को ताउम्र संजोकर रखेंगे हम
याद जब भी आएगी आपकी तो आँखें हो जाएँगी नम

अगर कभी अनजाने में हुई हो हमसे कोई गलती
तो कर देना हमको माफ़
बस दिल से भुला देना हर एक कड़वी बात
हम सब करेंगे आपको तहे दिल से याद

क्यूंकि आप हो हमारे लिए बेहद ख़ास
बस यूँही बनाये रखियेगा आप अपनी मिठास
हमको हमेशा रखना अपने दिल के पास

अब बस यही है शुभकामना हमारी
आपकी खुशियाँ बदस्तूर रहे हमेशा ज़ारी
कोई भी गम आपको छूने ना पाए
ज़िन्दगी आपकी फूलों की तरह महकती चली जाए

खुशियाँ आपके कदमों को छूती रहे बार-बार
आपकी ज़िन्दगी में आती रहे खुशियों की बौछार
भले ही यहाँ से जा रहे हैं आप लेकिन
अपने दिल से हमें कभी ना भुलाना

हो सके तो कभी हमसे मिलने भी चले आना
जब भी आये याद हमारी तो फ़ोन पर हमारा नंबर घुमाना
और इसी तरह हमेशा आप खिलखिलाना |

Farewell Hindi Poems | Farewell Party Poems In Hindi | विदाई समारोह पर कविता

Hindi School Farewell Poems— अब जा रहे हैं तो

चलो अब जा रहे हो तो
सुनाएं तान इस मन की
चलो अब बात करते है
छोड़के साथ बिछडन की

मुलाकातों के ये मेले
न शायद फिर कभी होंगे
जो धागे मोह के बांधे थे
खुद हाथों से खोलेंगे.

न रोएगे यहाँ कोई
किन्तु हंस भी न पाएगे
जो काटे पल सभी के संग
इन्हें कैसे भुलाएगे

हेल्लो हे हाय गुडलक गॉड ब्लेस यू
कह नहीं सकता
मेरे लहजे में हिंदी के सिवाय
कुछ हो नहीं सकता

सितारे हमने पहने थे
किसी को चांद बोला था
तुम्हे उड़ना सिखाया है तो
उड़कर भी दिखा देना

बुलंदी तक है पहुंचना आसमा को भी छू लेना
कहेगे गर्व से हम भी हमारे अंश ही है ये
चुगाए थे जिनको मोती
वो तिरते हंस ही है ये

दुआएं है हमारी कि
खुदा सबको सुखी रखे
हमारा क्या आज है कल पता
क्या है कहाँ रखे |
सत्यम शुक्ला

Farewell Hindi Poems | Farewell Party Poems In Hindi | विदाई समारोह पर कविता

Farewell Hindi Poems – हमारे विद्यालय के आँगन में

हमारे विद्यालय के आँगन में
खिलता हुआ गुलाब हो आप
हमारे अंधियारे जीवन में
ज्ञान का दीपक हो आप ।
हम सब बच्चे थे नादान
पढ़ने में नहीं था ध्यान
हमारी भूलो को माफ करके
दे दिया विद्या का ज्ञान ।
अपनी अनमोल शिक्षा को
खेल खेल से हमें सिखाया ।
संस्कारों का पाठ पढ़ाया ।
सही गलत का ज्ञान कराया ।
हमारे निराश हारे मन में
आत्मविश्वास जगा दिया
मंजिल तक पहुंचाने का
रास्ता हमें दिखा दिया ।
टीचर जी हमारे आँगन को
छोड़कर जा रहे हो आप
जीवन में सदा खुश रहो
यही है हमारी प्रभू से आस
अपनी खुशबू से महकातो रहो
सबकी बगिया को आप ।

Farewell Hindi Poems | Farewell Party Poems In Hindi | विदाई समारोह पर कविता

Farewell Hindi Poem – शिक्षक हैं समाज, सभ्यता, संस्कृति के रक्षक

शिक्षक हैं समाज, सभ्यता, संस्कृति के रक्षक
जीवन के अनजानी राहों के पथप्रदर्शक
अनमोल है इनकी कही हर वाणी
भेदभाव की नीति इन्होंने कभी ना जानी
अपने अनुभवों से नीति-न्याय की बातें सिखाते
अनुशासन का पालन करवाते
दृढ़-निश्चयी बनाते
सफलता के लिए प्रेरित करते
भटके को राह दिखाते
नसीब पर नहीं, कर्म पर भरोसा करना सिखाते
लेकर परिक्षाएँ कड़ी घड़ी-घड़ी
परिचय हमारा खुद से ये करवाते
अज्ञान दूर कर ज्ञान की ज्योत जलाते…
अपनी विद्या का करके दान…
मानवता का करते ये कल्याण
कर्त्तव्यनिष्ठ शिक्षक होते हैं
स्वयं ईश्वर के समान
शिक्षा है जिनका धर्म-ईमान
शिक्षित हो समाज है इनका गान

Farewell Party Poem in Hindi – आये संग बहार लिये

आये संग बहार लिये, जा रहे उसे ले साथ कहाँ?
पूछ रहा यह चमन ‘तरुण’ बोलो मेरा गुलजार कहाँ?
बेलि लगायी शिक्षा की सींचे इसको श्रम जल से तुम,
पनपी हरियाली ले फूली खुशबू भी दे जाते तुम।
आया था उल्लास नया, चेतना नयी लहरायी जो,
गम जड़ता का भार दिये जा रही थी दिल बहलाती जो।
उगे ‘अरुण’ जो विभा ‘तरुण’ से ले प्रकाश फैलाने को,
दूर हुए जाते क्यों फैलाते तुम पुंज पहारों को।
दीप जलाये शिक्षक उर में आशा के, नवजीवन के,
सेवा निवृति के विरह झकोरे पवन चले उत्पीड़ण के।
गाऊँ क्या दिल उमग न पाता प्यारे जीना सुख पाना,
नेह-लता मुरझा नहीं जाये सिंचन सुधि लेते रहना।

जनार्दन राय

Farewell Hindi Poems | Farewell Party Poems In Hindi | विदाई समारोह पर कविता

विदाई समारोह पर कविता – वो चलती क्लास में टिफिन खाना

वो चलती क्लास में टिफिन खाना,
वो होम वर्क न करने पर सर दर्द का बहाना,
वो जानबूझकर स्कूल लेट आना,
और लंच ब्रेक में बहुत धूम मचाना,
कभी नही भुलेंगूंगा स्कूल आना-जाना।।

वो प्रिंसिपल मेम के विचार,
वो शिक्षकों का सदाचार,
वो कुछ न पढ़ने वाले बच्चे लाचार,
और लंच में लाया हुआ अचार,
कभी न भूलूंगा मै प्यारे शिक्षकों के उच्च विचार।।

वो किसी टीचर के न आने पर मस्तीभरी क्लास,
वो अनूअल फंक्शन की रात,
वो दोस्तो की सीक्रेट बात ,
और वो दोस्तो से पहली मुलाकात,
कभी न भूलूंगा मैं स्कूल की हर एक बात।।

वो रूठे दोस्तो को मनाना,वो रोते दोस्तो को हसाना,
वो जबरदस्ती दोस्तो का नाम फसाना,
और नई घड़ी दोस्तो को दिखाना,
कभी न भूलूंगा में दोस्तो को अपना टिफिन खिलाना।।

वो मैथ्स टीचर की मार,
वो इंग्लिश टीचर का प्यार,
वो हिंदी टीचर की कहनी,
वो हिस्ट्री टीचर की बात पुरानी
कभी न भूलूंगा मैं ये स्कूल,चाहे हो जाये जिंदगी से रवानी।।

रूपेश सोनी

Farewell Hindi Poems | Farewell Party Poems In Hindi | विदाई समारोह पर कविता

Farewell Poem for Seniors

एक पत्थर जो पडा है वर्षोंं से वही का वही
कभीं विदा नही होता ज़लधारा के साथ
और एक़ दिन हार मान लेती हैं नदी
ना ही कभीं विदा होतें है उर्वरक़ धरती से
चाहें कितनी ही फसले ऊगाई और क़ाट दी जाती रहे,
तुम जो मेरें सीने से निक़लती हुई धड़क़न हो
ज़ो एक दिन दों से तीन हुईं थी
जहा भी रहोंगी, कही की भी यात्रा क़रती हुई
फ़िर से लौंट कर आओंगी
नाव की तरह अपनें तट पर
और हम फ़िर से मिलक़र एक हो जायेगे
और बाते करेगे हमेशा की तरह
उन्ही पुरानी कुर्सियो पर बैठ क़र।
नरेश अग्रवाल

Farewell Poetry In Hindi – बीते लम्हे

बीतें सारे लम्हें सुहाने याद आयेगे
गुज़री शरारते वो गुजरे ज़़माने याद आयेगे
आज़ यहां सब कल कहां होगे
जिन्दगी तो हरपल ब़दलती रहेंगी
सूरज़ फ़िर नये सवेंरे लायेगा
नईं रोशनी बिखेरती रहेंगी
ये आख़िरी मुलाकात नही हैं
ये आखरी ज़ज़्बात नही हैं
बस नज़रो से दूर हो जाओंगे
दिल मे फ़ासलो के अहसास नही हैं
कही किसी मोड पर हम फ़िर आवाज लगायेगे
बीतें सारे लम्हें सुहानें याद आयेगे
वो अटख़ेलियां, वो दौडा दौडी
अब अतीत के हिस्सें मे है
हमारी हसी वो बेंपरवाही
बस ब़चपन के किस्सें मे है
वो शोर मचाती टोलीं
वो भाग़म भाग और आंख़ मिचौंली
सतरंगी यारीं वो स्कूल की,
रंगो से रंगीं वो बचपन क़ी होली।
वो बेमतलब़ की छुट्टी,
वो छुट्टीं के बहानें याद आयेगे
बीतें सारे लम्हें सुहानें याद आयेगे।
– Jaya Pandey

Farewell Hindi Poems | Farewell Party Poems In Hindi | विदाई समारोह पर कविता

Farewell Party ke liye Kavita

कृष्ण-मन्दिर मे प्यारे बंधू
पधारों निर्भंयता के साथ।
तुम्हारें मस्तक़ पर हो सदा
कृष्ण क़ा वह शुभचिन्तक हाथ।।

तुम्हारी दृढता से ज़ग पडे
देश का सोंया हुआ समाज़।
तुम्हारी भव्य मूर्तिं से मिलें
शक्ति वह विक़ट त्याग की आज़।।

तुम्हारें दुख की घडिया बने
दिलानें वाली हमे स्वराज्य।
हमारें हृदय बने ब़लवान
तुम्हारी त्याग मूर्तिं मे आज़।।

तुम्हारें देश-बन्धु यदि कभीं
डरे, कायर हों पीछें हटे,
बन्धु! दो बहनो को वरदान
युद्ध मे वे निर्भंय मर मिटे।।

हजारो हृदय बिदा दें रहे,
उन्हे सन्देशा दो बस एक़।
कटे तीसो करोड ये शींश,
न तज़ना तुम स्वराज्य की टेक़।।
–सुभद्राकुमारी चौहान

Farewell Hindi Poems | Farewell Party Poems In Hindi | विदाई समारोह पर कविता

Farewell Poem in Hindi

तुम्हे पास आक़र विदा कर रहें हैं
कही दूर जाकर हमे मत भूलाना
गर भूल जाओं तो चिन्ता नही हैं
मगर याद आक़र हमे मत रुलाना !

तुम्हारें लिये तो तडपना पडेगा
बहूत पास आक़र बनें हो पराये
तुम्हारें लिए क्यो न आयेगी आहे
दबेंगा नही दर्दं दिल का दबाये

तुम्हे आँख़ से हम मिटाने चले है
कही आँसुओ मे नजर आ न ज़ाना
तुम्हे पास आक़र विदा कर रहें है
कही दूर जाक़र हमे मत भूलाना !

बहुत हो चुक़ी रोक लेनें की कोशिश
मनाये न मानें मगर ज़ानेवाले
अभीं तो मिले थें अभी ज़ा रहे है
अभीं जा रहे है अभी आनेवालें !

भूलाने की तुमनें क़़सम ली अग़र ले
शपथ हैं कभीं भी सपने मे न आना
तुम्हे पास आक़र विदा कर रहे है
कही दूर जाक़र हमे मत भूलाना

अग़र ज़ानते ये कि मिलना बूरा हैं
किसी बेरहम से मिला हीं न होता
विदाई क़ी रहती न कोईं क़हानी
ज़ुदाई से कोईं गिला ही न होता

गर मन पतगा नही मानता हैं
तुम्हे चाहिये क्या दिये को बुझ़ाना ?
तुम्हे पास आक़र विदा कर रहे है
कही दूर ज़ाकर हमे मत भूलाना ।

चलें जा रहे हों तुम्हारें मिल्न के
ये सारें सितारे ग़वाही रहेगे
गवाही रहेगी ये जुही की डारे
नदी के किनारें ग़वाही रहेगे

तुम्हारें सहारे कभीं हम भी कुछ थें
तुम्ही से अलग क़र रहा हैं जमाना
तुम्हे पास आक़र विदा कर रहे है
कही दूर जाक़र हमे मत भूलाना !

किसी के गर्म आँसुओ की क़लम से
लिख़ी जा रही हैं तुम्हारी विदाईं
क़िसी की नर्म क़ल्पना की शर्म से
लज़ाई हुई हैं तुम्हारी ज़ुदाई

जहां जो मिलें वे विदा हो गये है
कि धन्धा है कोई दिलो का लगाना
तुम्हे पास आक़र विदा कर रहें है
कही दूर ज़ाकर हमे मत भूलाना !

उमड आख़ में आँसुओ की घटाओ
अरें! उनको इसकी खबर भी नही हैं
हमारी नजर आज़ उनकी तरफ हैं
मग़र इस तरफ वो नजर ही नही हैं

फिक़्र ही नही हैं उन्हे अब क़िसी की
अभी सोचते है सवारी मंगाना
तुम्हे पास आक़र विदा क़र रहे है
कही दूर ज़ाकर हमे मत भूलाना !

मिलें थे तो सोचा बिछुडना न होगा
चलें है सफर मे तो मिल्ना न होगा
मग़र राह से राह मिलनें न पाई
डग़र से लिख़ी थी तुम्हारी विदाईं

कि मिलना बिछुडना यहीं ज़िन्दगी हैं
मनाया सभीं ने मग़र मन न माना
तुम्हे पास आक़र विदा क़र रहे है
कही दूर ज़ाकर हमे मत भूलाना

हमारें लिये फ़ूल शोले बनें है
तुम्हारें लिये हो मुबारक बहारे
हमारी हसी भी लिये जा लिए जा
मुबारक तुम्हे आसमां के सितारे

कभीं डूबती प्यास बढने लगें तो
जरा ओस बनक़र वही झ़िलमिलाना
तुम्हे पास आक़र विदा क़र रहे है
कही दूर जाक़र हमे मत भूलाना

अग़र हो तुम्हे भूल ज़ाने की आदत
हमे भूल ज़ाना नही भूल होगी
हमे भूलक़र तुम खुशी से रहोगे
हमे भी इसी से खुशी कुछ मिलेगी

भला हम ग़रीबो की हस्ती हीं क्या हैं ?
न हक हैं हमे एक़ नाता निभाना ?
तुम्हे पास आक़र विदा क़र रहे है
कही दूर ज़ाकर हमे मत भूलाना

विदाई तुम्हारीं रुलायेगी हमक़ो
बुलाये बिना याद %

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September 21, 2024
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